दुनिया के सारे विज्ञान, जिस प्रकार अपना अलग अस्तित्व रखते हैं, ठीक उसी तरह आयुर्वेद विज्ञान का भी अलग क्षेत्र है। यहां आयुर्वेद विज्ञान व चिकित्सा की पुस्तकों को सूचीबद्ध किया गया है, डाउनलोड कर पढ़े।
- अष्टांगहृदयम्
- आयुर्वेद दर्शन
- प्राकृतिक चिकित्सा
- सचित्र आयुर्वेद
- धन्वन्तरि
- मिटटी सभी रोगों की रामबाण औषधि हैं
- घरेलु इलाज
- भारतीय औषधियां
- आहार ही औषध है
- चरक संहिता
- सुश्रुत संहिता
- आयुर्वेदिक औषधिगुणाधर्म शास्त्र
- चरक चिकित्सांक
- धन्वन्तरि जरा व्याधि
- जल चिकित्सा अर्थात पानी का इलाज
- बच्चों के रोग और उनका इलाज
- आयुर्वेदीय क्रिया शरीर
- आहार और आरोग्य
- सूर्य चिकित्सा विज्ञान
- ज्वर के कारण व चिकित्सा
- सुगम चिकित्सा
Only for reading: संशय, संदेह, शक, सुबह पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों को विषैला बना देते हैं।
किसी संघ की उन्नति तभी हो सकती है, जब उसके सारे सदस्य एक दूसरे के प्रति आस्थावान हों। जहां एक दूसरे पर शक करना शुरू हुआ कि उन्नति रूकी और संघ विघटित हुआ। मनुष्य के अधिकतम सन्देह निरर्थक होते हैं।
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एक बार एक जगह मेरा प्रवचन चल रहा था। भक्तों में अधिकतम प्रबुद्ध तथा संभ्रांत घराने के लोग थे। इतने में एक वैष्णव भक्त आ गये। वे दस मिनट तक बैठे रहे, फिर उठकर चल दिये। मेरे भक्तों ने समझा कि इनको प्रवचन की बातें जीम नहीं। प्रवचन समाप्त होने के बाद एक दूसरे से फुसफुसाने लगे कि उन भक्त जी को साहेब का प्रवचन अच्छा नहीं लगा, तभी तुरन्त चले गये। मैंने कहा "आप लोगों का इस तरह से सोचना उचित नहीं है। हो सकता है उनका कोई आवश्यक काम रहा हो, इसलिए वे चले गये हों। किसी पर निरर्थक संदेह नहीं करना चाहिए।"
वे वैष्णव भक्त दो दिन बाद आये और मुझसे तथा मेरे भक्तों से जोर देने लगे कि इस शहर में आपका बृहद कार्यक्रम होना चाहिए। आपके विचारों से मैं बहुत प्रभावित हूं। मैं दो दिन पूर्व आपका प्रवचन केवल दस मिनट ही सुन सका, क्योंकि मुझे किसी आवश्यक काम के लिए जाना था, इसलिए चला गया था। मेरा अनुरोध है यह कार्यक्रम बृहत हो।
उक्त बातें सुनकर हमारे सभी भक्त दंग रह गये। जिनके प्रति वे संदेह कर रहे थे, इतने श्रद्धालु निकले। इसी तरह मनुष्य अनेक जगह अपने संदेही स्वभाव से दूसरे को समझने में गलतियां करता है।