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Moral Stories in Hindi for Class 7 (समस्याओं के बीच छिपा होता है अवसर)


for class 7
क्या छोटी-मोटी परेशानी या मुसीबत का ठीकरा हम सरकार या किसी दूसरे के सिर फोड़ते हैं? क्या मन लायक नहीं होने पर हम दोष किसी और पर मढ़ देते हैं? शायद 100 में से 90 का उत्तर 'हां' में ही होगा। लेकिन, क्या हम जानते हैं कि हमारे जीवन में आनेवाली हर परेशानी एक अवसर लेकर आती है, जो हमारे जीवन को बदल सकती है? इस विषय को एक कहानी से समझने का प्रयास करते हैं।

एक राजा अक्सर अपना भेष बदल कर यह जानने का प्रयास करता कि जनता की भलाई के लिए क्या कुछ किया जाये। एक बार वह शहर के मुख्य रास्ते पर एक बड़ा सा पत्थर रखा और पास की झाड़ी में छुप कर बैठ गया और यह देखने लगा कि रास्ते से गुजरनेवाले लोगों की प्रतिक्रिया क्या है। उसने देखा कि जो भी उस रास्ते से गुजरता, कोई राजा को भला-बुरा कहता कि देखो क्या व्यवस्था है। कुछ लोग उस व्यक्ति को कोस रहे थे, जिसने उस पत्थर को रास्ते के बीच रख दिया था। और कुछ लोग तो आसपास के लोगों को यह सुनाने से भी नहीं हिचक रहे थे कि उनको तुरंत उस पत्थर को रास्ते से हटा देना चाहिए था।


लेकिन, अचरज की बात यह थी कि ऐसा बोलनेवालों में किसी ने स्वयं थोड़ी कोशिश कर उस पत्थर को रास्ते के बीच से हटाने का प्रयास नहीं किया। तभी राजा ने देखा कि दूर से एक किसान चला आ रहा था। उसने उस बीच के पत्थर को देखा, तो अपना सामान नीचे रखा और उस पत्थर को हटाने का प्रयास करने लगा। पत्थर थोड़ा भारी था, लेकिन उसकी केाशिश को देख आसपास के कुछ लोग दौड़ कर किसान का हाथ बंटाने लगे। थोड़ी ही देर में पत्थर बीच से हट गया और रास्ता बिल्कुल साफ हो गया। किसान ने पसीना पोंछा और अपना सामान लेकर जैसे ही वह आगे बढ़ा, राजा ने झाड़ी से बाहर निकल कर उस किसान को गले लगा लिया और एक धन की थैली उसे भेंट करते हुए बोला, जिस दिन इस राज्य का आधा नागरिक भी तुम्हारी तरह हो जायेगा, यहां राम राज्य स्थापित हो जायेगा। भाव-विह्हल होकर किसान धन लेकर अपने गंतव्य की ओर चल पड़ा। उसे यह यकीन नहीं हो रहा था कि उसका समस्या से लड़ने का एक छोटा-सा प्रयास उसके लिए इतना बड़ा अवसर लेकर आ सकता है।

दोस्तों, यह कहानी राजा और किसान की नहीं है, बल्कि हमारी और आपकी है। हमें किसी सरकार या समाज या किसी अन्य को जिम्मेवार ठहराने का हक तब तक नहीं है, जब तक हम किसी समस्या को हल करने में अपनी भूमिका निभाने को तैयार न हों। क्या पता, उस किसान की तरह हमें भी उस प्रयास का कोई पुरस्कार मिल जाये, क्योंकि हर समस्या एक अवसर जरूर लेकर आती है।

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