वर्ष 1869 में भारतवर्ष की भूमि ने एक ऐसे व्यक्तित्व को जन्म दिया जिसने न सिर्फ भारतीय इतिहास को बदला बल्कि पूरे संसार को non-violence का पाठ पढ़ाया। ऐसी ही महान आत्मा थे हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी। वे सत्य और अहिंसा को पूजते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत को अच्छी तरह समझते थे, यहां ऐसे ही महान संत के द्वारा लिखी गई स्वयं की autobiography तथा जीवनी PDF में download करने को दिया जा रहा हैं। इन्हें पढ़े तथा उनके विचारों और उनके जीवन से अवगत हो।
Excerpt from the Book: गांधी जी के पिता राजकोट के मंत्री थे। किन्तु उन्हें धन जोड़ने का लोभ नहीं था। इसीलिए इतने उचे ओहदे पर होकर भी वे अमीर नहीं थे। आपकी माता जी बड़ी साध्वी थीं। पूजा-पाठ किए बिना भोजन नहीं करती थी। उपवास की महिमा का ज्ञान गांधीजी को माताजी से ही मिला था।
बचपन पोरबंदर में ही बीता। गांधीजी बचपन में बहुत संकोची स्वभाव के बालक थे। घंटी बजते ही स्कूल पहुंच जाते और स्कूल बंद होते ही घर भाग आते। उन्हें किसी से मिलने में डर लगता था कि कहीं कोई उनका मज़ाक न उड़ाए।
गांधी जी बचपन से ही सत्यनिष्ठ थे। माता-पिता के संस्कारों ने उन्हें पहले ही धर्मात्मा बना दिया था। सचाई के प्रति यह प्रेम जो बचपन से आपकी नस-नस में समा गया था, जो आजीवन आपका साथी रहा। बचपन की शिक्षाओं का प्रभाव स्थायी होता है। जिन दिनों आप हाई स्कूल में पढ़ते थे, शहर में एक नाटक कंपनी आई। नाटक राजा हरिश्चन्द्र का था। नाटक देखने के बाद गांधीजी को स्वप्नों में भी राजा हरिश्चन्द्र ही दिखाई देते थे।
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