डॉ. ऐ. पी. जे अब्दुल कलाम एक महान विचारक, प्रबुद्ध विद्वान, प्रख्यात वैज्ञानिक, भारत रत्न, उच्च कोटी के इंसान, संवेदनशील लेखक, कवि, भारत के पूर्व राष्ट्रपति, बच्चों के प्रिय शिक्षक, न जाने कितने रंग है इनके व्यक्तित्व के इन्हीं रंगों के बछौर से आपको परिचित करवाने के लिए यहां हम उनके अनमोल विचारों (quotes) का एक संग्रह प्रस्तुत कर रहे है जिससे आपको प्रेरणा मिल सके।
आप डॉ. ऐ. पी. जे अब्दुल कलाम के विचारों को यहां download कर पढ़ सकते हैं -
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भारत में मिसाइल मैन के नाम से मसहूर Dr. Kalam सही अर्थों में एक ऐसे युगपुरूष थे जो जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर देश के सच्चे सपूत और मानवता के प्रतीक थे। भारतीयता और भारतीय मूल्यों में रचे-बसे कलाम एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने देश की राजनीति की दिशा बदलने और राष्ट्र को महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का मूलमंत्र भी दिया। आज वे हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके विचार, उनका दर्शन उनकी जीवन शैली सदैव हमारे जीवन को प्रेरित करती रहेगी।
देश को परमाणु शक्ति से सुसज्जित करने वाले महान वैज्ञानिक भारत रत्न APJ Abdul Kalam का जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम जिले के धनुषकोडि गांव के एक मछुआरे परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। इनके पिता का नाम जै़नुलआबेदीन था। डॉ. कलाम का पूरा नाम अबुर पकीर जै़नुलआबेदीन अब्दुल कलाम है। इनकी आरम्भिक शिक्षा रामनाथपुरम के सक्वार्ट्ज हाई स्कूल से हुई। विज्ञान में स्नातक की उपाधि तिरूचि के सेंट जोसेफ कालेज से डॉ. कलाम ने प्राप्त की। 1954-57 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नालॉजी से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में कलाम ने डिप्लोमा प्राप्त किया। 1958 में डीटीडी एंड पी में बतौर वरिष्ठ सहायक वैज्ञानिक नियुक्त हुए और इसी वर्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में वरिष्ठ सहायक वैज्ञानिक नियुक्त हुए। यहाँ रहकर ही उनके नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने प्रोटोटाइप होवर क्राफ्ट का विकास किया।
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अलग-अलग प्रणालियों को एकीकृत रूप देने में डॉ. कलाम का कोई सानी नहीं है। वह अलग-अलग प्रणालियों को अपना विजन देकर एकीकृत कर हमेशा कुछ नया बनाने की क्षमता रखते थे। डॉ. कलाम में चीजों को नये तरह इस्तेमाल करने की क्षमता भी गजब की थी। यही कारण है कि डॉ. कलाम ने अंतरिक्ष और सामरिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नये उपकरणों का निर्माण किया। डॉ. कलाम महान त्याग और सादगी के पर्याय हैं। उन्होंने अपने जीवन में कभी नाम और पैसे को तरजीह नहीं दी। उन्होंने सही मायने में देश की तरक्की के लिए अपने सुखों व हितों की कुर्बानी दी है। यदि डॉ. कलाम चाहते तो विदेश जाकर अथाह पैसा कमा सकते थे लेकिन उन्होंने अपने देश में ही रहना स्वीकार किया। सीमित संसाधनों और परेशानियों के बीच उन्होंने देश को वैज्ञानिक बुलंदियों पर पहुंचाने का जोखिम उठाया। उनकी इन्हीं खूबियों ने उन्हें आम आदमी की निष्ठा व आशा का केन्द्र बनाया है।