Msin.in
Powered by Blogger

दो मित्रों के बीच संवाद व 5 उदाहरण दो मित्र संवाद के


samvad of two friends

मित्रों, दो लोगों की आपस की बात-चीत को संवाद कहते हैं। संवाद लेखन रचना का एक आवश्यक अंग है। नाटक तथा उपन्यास और कभी-कभी कहानी में संवाद रचना का समावेश रहता है। रचना में इससे जीवंतता और सजीवता आती है।

यहां हम दो मित्रों के बीच संवाद के 4 उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इन्हें पढ़कर, आपको इनके आधार पर स्वयं कुछ नये संवादों को लिखने का प्रयास करना चाहिए।


4 Examples of Samvad Lekhan Between Two Friends


1. परीक्षा समाप्त होने के पश्चात् दो मित्रों के मध्य हुए संवाद का विवरण।

राधिका    :     कथिका, कैसा हुआ तुम्हारा हिंदी का प्रश्न-पत्र?

कथिका    :     मैं तो बहुत प्रसन्न हूं, क्योंकि मेरा प्रश्न-पत्र बहुत ही अच्छा हुआ और तुमने कैसे किया?

राधिका    :     मुझे 2 अंक का केवल एक प्रश्न स्पष्ट नहीं था, अतः मैं उसमें सही उत्तर न दे सकी।

कथिका    :     वह कौन-सा प्रश्न था ?

राधिका    :     जयशंकर प्रसाद की साहित्यिक सेवा का उल्लेख कीजिए। मैंने उनकी भाषा-शैली का वर्णन किया।

कथिका    :     तुम्हें प्रसाद जी की रचनाओं का एवं भाषा-शैली के संदर्भ में उनका योगदान बताना था।

राधिका    :     यही तो मैं समझ न पाई और मैंने उसका गलत उत्तर लिख दिया।

कथिका    :     यदि तुमने भाषा-शैली के क्षेत्र में प्रसाद जी की नवीनता बताई होगी तो यह साहित्य में उनका योगदान था, अतः एक अंक तो मिल जाएगा।

राधिका    :     चलिए, अब तो दूसरे प्रश्न-पत्र की तैयारी करें।

कथिका    :     हाँ चलें।

2. दो मित्रों व दोस्तों में अध्यापक के व्यवहार के विषय में संवाद।

पहला मित्र    :     मोहन! तुम क्यों रो रहे हो ?

दूसरा मित्र    :     मुझे हिंदी के शिक्षक ने कक्षा से बाहर निकाल दिया।

पहला मित्र    :     ऐसा क्यों हुआ।

दूसरा मित्र    :     मैं गृह-कार्य पूरा करके नहीं लाया था।

पहला मित्र    :     तो तुमने गृह-कार्य क्यों नहीं किया।

दूसरा मित्र    :     कल मैं फिल्म देखने लग गया और उसके बाद सो गया।

पहला मित्र    :     स्पष्ट है कि भूल तुम्हारी है। तुम्हें अपने कार्य के प्रति ईमानदार होना चाहिए।

दूसरा मित्र    :     मुझसे अपराध हो गया है। अब मैं क्या करूँ?

पहला मित्र    :     तुम उनसे क्षमा प्रार्थना करो। वे तुम्हें क्षमा कर देंगे।

दूसरा मित्र    :    ठीक है! मैं अभी क्षमा प्रार्थना करता हूँ।

3. भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन के विषय में दो मित्रों के मध्य संवाद।

पहला मित्र    :     तुम क्या समझते हो कि आस्ट्रेलिया में हमारी टीम का प्रदर्शन संतोषजनक रहेगा।

दूसरा मित्र    :     इसमें संतोषजनक की बात नहीं है। सीधी बात अच्छे और बुरे प्रदर्शन की है।

पहला मित्र    :     तुम क्या कहना चाहते हो ?

दूसरा मित्र    :     स्पष्ट है, कि टीम जीतेगी तो प्रदर्शन श्रेष्ठ है अन्यथा हार तो होनी ही है।

पहला मित्र    :    कभी-कभी सीरीज़ बराबर भी तो रहती है।

दूसरा मित्र   :     यह तभी संभव होगा, जब भारतीय टीम विश्व विजेता आस्टेªलिय की शक्तिशाली टीम का एक रणनीति बनाकर अपनी क्षमता का पूरा प्रदर्शन करते हुए सामना करेगी।

पहला मित्र    :     यह बिल्कुल सत्य है। एक ओर गेंदबाज़ी में तीखापन तथा सटीकपन लाना होगा।

दूसरा मित्र    :     और दूसरी बात मैं बताता हूँ कि अच्छे रन बनाने का भार केवल तेंदुलकर या सौरभ गांगुली पर नहीं, अपितु पूरी टीम पर होना चाहिए।

पहला मित्र    :     फील्डिंग चुस्त हो तथा कोई भी कैच न छोड़े तो ऐसी कोई स्थिति नहीं हो सकती है कि भारतीय टीम आस्ट्रेलिया को हरा न सके।

4. अभद्र व्यवहार करने वाले लड़कों के संबंध में दो लड़कियों के मध्य संवाद।

पहली लड़की    :     तुम आज क्यों परेशान लग रही हो ?

दूसरी लड़की    :     तुम जानती हो आज उन असभ्य लड़कों ने मेरा रास्ता ही रोक लिया।

पहली लड़की    :     आज तुम अकेली क्यों आई हो ?

दूसरी लड़की    :     मुझे घर में आज देर हो गई थी। हम कब तक यह सहेंगे?

पहली लड़की    :     तुम्हारा कहना ठीक है। हमें अब अपने माता-पिता से कह देना चाहिए।

दूसरी लड़की    :     यही ठीक रहेगा और इसके अतिरिक्त हमें सदा साथ आना चाहिए।

पहली लड़की    :     हमें अपने स्कूल में भी प्रिंसिपल महोदय से बात करनी चाहिए।

दूसरी लड़की    :    नहीं, इससे स्कूल में बदनामी होगी।

पहली लड़की    :     यदि हम इन बातों से डरेंगे तो समस्याओं का मुक़ाबला कैसे करेंगे?

दूसरी लड़की    :     यह तुमने ठीक कहा है। प्रिंसिपल पुलिस में रिर्पाट कर देंगे और इससे हमें परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

5. देश की वर्तमान स्थिति पर दो दोस्तों के मध्य संवाद

पहला दोस्त    :     देश की स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। तुम्हारा क्या विचार है?

दूसरा दोस्त    :     हाँ, तुम ठीक कहते हो! भ्रष्टाचार ने पूरे देश को जकड़ लिया है।

पहला दोस्त    :     भ्रष्टाचार के अतिरिक्त कोई और संस्कृति बची ही नहीं है।

दूसरा दोस्त    :     देख भाई! भ्रष्टाचार के इस कीचड़ में कमल तो खिलेगा नहीं।

पहला दोस्त    :     सत्य यह है, कि इसके मूल में राजनीतिज्ञों का हाथ है।

दूसरा दोस्त    :     राजनीतिज्ञों को हम ही लोग तो चुनकर भेजते हैं।

पहला दोस्त    :     लेकिन जनता भी इस तथ्य को वोट देते समय भूल जाती है।

दूसरा दोस्त    :     वास्तविक अपराधी तो जनता है। यदि किसी भी प्रकार के दबाव, डर और लालच से अलग होकर जनता वोट डाले तो यह स्थिती नहीं होगी।

पहला दोस्त    :     तुम ठीक कहते हो। समाज में इसी प्रकार की चेतना की आवश्यकता है।

Popular

  • श्रीमद्भगवद्गीता संपूर्ण अध्याय व्याख्या सहित
  • पंचतंत्र की 27 प्रसिद्ध कहानियाँ
  • तेनालीराम की चतुराई की 27 मजेदार कहानियां
  • संपूर्ण गीता सार - आसान शब्दों में जरूर पढ़े
  • स्वामी विवेकानंद की 5 प्रेरक कहानियाँ
  • श्रेष्ठ 27 बाल कहानियाँ
  • Steve Jobs की सफलता की कहानी
  • महापुरूषों के प्रेरक प्रसंग
  • बिल गेट्स की वो 5 आदतें जिनसे वे विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बनें
  • शिव खेड़ा की 5 प्रेरणादायी कहानियाँ
  • विद्यार्थियों के लिए 3 बेहतरीन प्रेरक कहानियाँ
  • दुनिया के सबसे प्रेरक 'असफलताओं' वाले लोग!

eBooks (PDF)

  • संपूर्ण सुन्दरकाण्ड (गीताप्रेस) (PDF)
  • संपूर्ण चाणक्य नीति (PDF)
  • श्रीमद्भगवद्गीता (गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित) (PDF)
  • शिव ताण्डव स्तोत्र अर्थ सहित (PDF)
  • दुर्लभ शाबर मंत्र संग्रह (PDF)
  • श्री हनुमान बाहुक (PDF)
  • श्री दुर्गा सप्तशती (PDF)
  • श्री हनुमान चालीसा (अर्थ सहित) (PDF)
  • संपूर्ण शिव चालीसा (PDF)
  • एक योगी की आत्मकथा (PDF)
  • स्वामी विवेकानंद की प्रेरक पुस्तकें (PDF)
  • संपूर्ण ऋग्वेद (PDF)
  • संपूर्ण गरुड़ पुराण (PDF)

Important Links

  • हमारे बारे में
  • संपर्क करें

©   Privacy   Disclaimer   Sitemap