दोस्तों, मुझे नहीं मालूम कि आपने अभी तक समय के बारे में क्या सोच रखा है और आप समय को क्या समझते हैं, लेकिन मुझे अपने बारे में मालूम है कि मैंने इसके बारे में क्या सोच रखा और मैं इसे क्या समझता हूं। मैं यह मानता हूं कि जीवन समय से बनता है, इसलिए समय ही जीवन है। तो आईये जानते है जीवन में
समय का महत्व।
आपने एक शब्द सुना या पढ़ा होगा- 'स्वयंभू'। 'भू' का अर्थ होता है- होना, जन्म लेना। इस प्रकार 'स्वयंभू' का अर्थ हुआ- जिसने स्वयं जन्म लिया हो। इस शब्द का उपयोग हम ब्रह्म के लिए करते हैं, ईश्वर के लिए करते हैं, क्योंकि उसने स्वयं जन्म लिया है। उसके कोई माता-पिता नहीं हैं।
इस आलेख को आगे लिखने से पहले; मैं आपसे एक simple सा सवाल पूछना चाहता हूं। वह सवाल यह है कि
'क्या आप बता सकते हैं कि समय के माता-पिता कौन हैं?' यानी कि उसका जन्म कैसे हुआ है? यानी कि समय कैसे बना है? हमें जन्म देने का श्रेय हमारे माता-पिता को है। चट्टाने टूटकर मिट्टी बन जाती हैं। चीज़ों को रगड़ने से गर्मी पैदा होती हैं। आग जलने से प्रकाश का जन्म होता है। हरी पत्तियां ऑक्सीजन बनाती हैं और कोयले को जलाने से कार्बन डाइआक्साइड गैस निकलती है। यानि कि दुनिया में जितनी भी वस्तुएं हैं, वे सब बनाई जा सकती हैं, लेकिन क्या आप मुझे उन वस्तुओं के नाम बता सकते हैं, जिनके मिला देने से ठीक उसी प्रकार का समय बन जाता हो, जिस प्रकार हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिला देने से पानी बन जाता है। आप कितना भी सोचिए, मेरा विश्वास है कि आप सफल नहीं होंगे। तो क्या इसका मतलब यह नहीं हुआ कि समय का जन्म भी स्वयं ही हुआ है और इस प्रकार यह भी स्वयंभू है। याद रखिए, स्वयंभू का मतलब है- ब्रह्म। यानी कि यदि समय ब्रह्म से श्रेष्ठ नहीं है, तो कम से कम उसके बराबर तो है ही।
वैसे सच तो यह है कि समय ब्रह्म से भी श्रेष्ठ है, लेकिन हमारे philosophers को शायद समय की यह श्रेष्ठता रास नहीं आई होगी। इसीलिए उन्होंने 'महाकाल' शब्द गढ़ा। 'काल' यानी समय और महाकाल यानी बड़ा समय या समय से भी बड़ा। आप जानते हैं कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में जो शिवलिंग है, उसे 'महाकाल' कहा जाता है, शिव नहीं। तो क्या आपको नहीं लगता कि यदि काल ब्रह्म के बराबर नहीं होता, तो फिर उसी शब्द के आगे 'महा' लगाकर शिव की कल्पना क्यों की जाती।
मेरी जिन्दगी की सबसे प्रिय वस्तु की कोई कीमत नहीं। उसे खरीदा नहीं जा सकता और यह स्पष्ट भी है, हम सभी के पास जो सबसे कीमती संसाधन है; वह समय ही है।
फिर हम सिख धर्म के 'अकाल' शब्द को कैसे भुला सकते हैं- सत्श्री अकाल। अर्थात् ईश्वर ही सत्य है। यहाँ 'अकाल' का मतलब सूखे से नहीं है, बल्कि अकाल का अर्थ है - वह; जो काल से परे है।
याद रखिए कि समय से परे दुनिया में कोई भी नहीं है। भगवान श्रीराम ने सरयू में समाधि ली थी। भगवान श्रीकृष्ण एक बहेलिए के तीर से मारे गए थे। ईसा मसीह सूली पर चढ़ाये गए। गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी और गुरू नानक देव को भी इस समय का ग्रास बनना पड़ा था। कोई भी परे नहीं है इससे। केवल एक ही इससे परे है और वह है ब्रह्म।
इसलिए जब ईसा मसीह से पूछा गया था कि 'आपके प्रभु का राज्य कैसा होगा?' तब उन्होंने कहा था कि 'मेरे प्रभु के राज्य में समय नहीं होगा।'
जीवन में समय का महत्व (Importance of Time in Life)
एक-एक बूँद के एकत्रित रूप को विशाल सागर के रूप में देखा जा सकता है और जब एक-एक बूँद टपकती है तो बड़े-से-बड़ा बर्तन भी खाली हो जाता है। उसी प्रकार जीवन भी पल और क्षण के मिलने से बना होता है। हर पल, हर क्षण जो बीत जाते हैं, वे फिर कभी भी वापस नहीं आते हैं। समय बीतते हुए अनुमान नहीं होता है, लेकिन इन क्षणों के बीतने से दिन, सप्ताह, मास और वर्ष बीतते जाते हैं- 'दिवस जात नहीं लागत बारा‘ रामचरितमानस की यह पंक्ति समय के बीतने की गती बताती है। अतः समय के बीतने के साथ ही जीवन के दिन बीत जाते हैं। जो लोग समय की इस गति को नहीं समझते हैं और इसके महत्व को नहीं जानते हैं, समय को नष्ट करते हैं, समय भी उन्हें नष्ट कर देता है।
अंग्रजी की एक पंक्ति के अनुसार
"Time and Tide wait for no man" स्पष्ट है कि समय निरंतर बीतता चला जाता है। किसी भी कारण से उसकी गति मंद नहीं होती और न रूकती है। जीवन में यदि किसी वस्तु की हानि होती है तो उसकी क्षति पूर्ति की जा सकती है, लेकिन समय की क्षति पूर्ति कभी संभव नहीं हो सकती। समय एक ईश्वरीय वरदान है - Time is the gift of god!
आप देख रहे हैं न समय के महत्व और उसकी प्रबलता को, उसकी शक्ति को और उसके चरित्र को। हर कोई घबराता है समय से, क्योंकि हर कोई है इसकी पकड़ में; फिर चाहे वह राजा हो या रंक, मालिक हो या नौकर, दानव हो या देवता। तो ऐसी स्थिती में यदि हम समय को ईश्वर मान लें और समय की आराधना को ही ईश्वर की आराधना मान लें, तो क्या उसमें कुछ गलत होगा? मेरी समझ से तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा, बल्कि यही सबसे बड़ा सच होगा। भगवान किसे कहते हैं? जो आपके भाग्य को बना दे, वही भगवान है। जिसका भाग्य अच्छा है, वह भाग्यवान कहलाता है, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचने के लिए वक्त निकाला है कि भाग्य बनता कैसे है? जब आप किसी ज्योतिषी के पास जाते हैं, तो या तो आप अपने जन्म का समय बताते हैं या फिर उसे आप अपना हाथ दिखाते हैं। आपके जन्म के समय के आधार पर वह आपकी कुण्डली बना देता है कि आपकी जिन्दगी कैसी होगी। देखा आपने समय की शक्ति को। इतना बलवान है समय। जिस क्षण आप जन्म लेते हैं, वही आपके भाग्य का निर्धारण करने वाला बन जाता है।
समय-प्रबंधन का महत्व (Importance of Time Management)
एक सफल career और व्यक्तिगत जीवन के लिए समय-प्रबंधन का बड़ा महत्व हैं। यह हमें सिखाता है, कि कैसे हम समय को effective रूप से manage कर उसका समूचीत उपयोग कर सकते है (Time-Management teaches us to manage our time effectively.)।
यहाँ हम समय-प्रबंधन इतना महत्वपूर्ण क्यों है, इस बात को बताने का प्रयास कर रहे है, जिससे आप अपने समय का और बेहतर प्रयोग कर सकें:
- समय एक ऐसा विशेष स्रोत है, जिसे न तो हम भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकते है और न ही बचा सकते है। सभी के पास हर दिन मात्र 24 घंटे ही होते हैं और अगर हम इन बहूमुल्य घंटों का अच्छे ढ़ंग से प्रयोग नहीं कर पाते तो फिर हम इन्हें चाह कर भी पुनः प्राप्त नहीं कर सकते।
- समय-प्रबंधन हमारी प्राथमिकताओं (priorities) को तय करने में मदद करता है।
- ज्यादतर लोग यह महसूस करते हैं कि उनके पास काम बहुत हैं लेकिन उन्हें पुरा करने के लिए प्रयाप्त समय नहीं। वे अपने दूसरों से खराब रिस्तों, खराब स्वास्थय, अपनी बुरी आर्थीक स्थिीती, व्ययाम न कर पाने आदि के लिए time को blame करते हैं।
लेकिन, एक समझदारी पूर्वक किए गए time-management से आप जिस चीज़ को चाहते या आपको जिस काम को करने की जरूरत है उसके लिए असानी से time निकाल सकते है।
- समय-प्रबंधन आपको पूरी तरह सजग हो, चुनाव करने में मदद करता है, जिससे आप उन कामों को अधिक से अधिक समय दे सके जो महत्वपूर्ण हैं और आपके लिए valuable भी।
- आज की दुनिया ध्यान बटाने वाली चीजों से भरी पड़ी हैं। इसलिए किसी के लिए भी किसी एक काम पर विबने करना कठिन होता जा रहा है और हम गैरजरूरी कामों में अधिक समय बर्बाद करने लगे हैं। कोई भी काम करने से पहले अपने आप से पुछे - क्या आप जो कर रहे है या करने वाले है, वह आपकी life में कुछ value add करने वाला है? क्या आप जिस काम को करने के लिए जो समय लगा रहे है, उसे पूरे मन से कर रहे है या बस यू ही time-pass.
विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व (Importance of Time in Student Life)
किसान अपने खेत में अलग-अलग ऋतुओं में अलग-अलग प्रकार की फसलें उगाता है। यदि बीज बोने का निश्चित समय किसी भी प्रकार से बीत जाता है तो वह फसल पैदा नहीं हो सकती। ठीक यही दशा
student के life की भी होती है। विद्यार्थी जीवन वह समय है, जब मनुष्य सारे जीवन-भर के लिए तैयार होता है। इसलिए इस अवस्था में time के value को जानना और उसका उपयोग करना उसके लिए सबसे बहुत आवश्यक होता है। उसकी जीवन रूपी भवन की नींव इसी समय बनती है। जैसे एक बहुत बड़ी पुस्तक को लिखने के लिए एक-एक अक्षर लिखना पड़ता है और तब पुस्तक लिखी जाती है। इसी प्रकार विद्यार्थीयों को एक-एक सैकिंड का उपयोग कर इतनी बड़ी किताबों को पढ़ना पड़ता है, तभी वह उसके ज्ञान को ग्रहण कर सकता है। अच्छे विद्यार्थी अपना समय प्रत्येक कार्य के लिए निश्चित कर देते हैं। विद्यार्थीयों को पढ़ने के साथ-साथ खेलना भी चाहिए, परंतु व्यर्थ घूमना, बेकार बैठ कर गप्पें मारना, अधिक सोना उसके लिए कभी लाभदायक नहीं हो सकता है। उसे शहद की मक्खी की भाँति कार्य करना पड़ता है। छोटे-छोटे पराग कणों से वह कितना शहद बनाती है। ऐसे ही विद्यार्थी छोटे-छोटे पलों का उपयोग करके महान बन जाता है। विद्यार्थी के लिए तो इन क्षणों का महत्व जीवन के निर्माण में सिद्ध होता है। समय का उपयोग करने वाले विद्यार्थी ही सफल होते हैं।
समय अमूल्य धन है और समय ही जीवन है। इसलिए जीवन का उपयोग समय के सदुपयोग पर निर्भर करता है।
दोस्तों, आपको यह आलेख - समय का महत्व, कैसा लगा. अपने विचार कॉमेंट के माध्यम से जरूर बताए।