Msin.in
Powered by Blogger

Hindu Dharma eBooks in Hindi | हिन्दू धर्म की पुस्तकें


हिन्दू धर्म व कभी-कभी जिसे हम आर्य धर्म भी कहते है; वह सर्वोत्तम धर्म है जिसका लक्षण इस प्रकार है : जिस विधि से दोनों लोकों में आनंद और खुशी प्राप्त हो, मनुष्य इस विश्व लोक में जिस मार्ग से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सुख-समृद्धि के भोगों को प्राप्त कर सके और जिस विधि से परलोक में बाधा पहुंचाने वाले कर्मों को तज सके वही धर्म है, जो इस लोक में तथा परलोक दोना जगहों में परमानंद को देनेवाला हो वही धर्म है। यहाँ हम हिन्दू धर्म के पुस्तकों को ई-बुक के रूप में दे रहे हैं, डाउनलोड कर पढ़ें-


महाकाव्य और ग्रंथ

  • वाल्मीकि रामायण
  • महाभारत
  • रामचरितमानस
  • श्रीमद्भगवद्गीता
  • भगवद्गीता यथारूप
  • मनुस्मृति
  • भगवद्गीता के सभी 18 अध्याय

वेद

  • ऋग्वेद
  • सामवेद
  • अथर्ववेद

पुराण

  • गरुड़ पुराण
  • भागवत पुराण
  • विष्णु पुराण
  • शिव पुराणा
  • भविष्य पुराण

चालीसा

  • हनुमान चालीसा
  • दुर्गा चालीसा
  • काली चालीसा
  • शिव चालीसा
  • सरस्वती चालीसा
  • शनि चालीसा
  • गणेश चालीसा
  • लक्ष्मी चालीसा
  • गायत्री चालीसा
  • साईं चालीसा
  • राम चालीसा

आरती

  • शिव आरती
  • सरस्वती आरतीा
  • हनुमान आरती
  • शिव स्तुति

मंत्र

  • सूर्य मंत्र
  • शनि मंत्र
  • महालक्ष्मी मंत्र
  • महामृत्युंजय मंत्र
  • शाबर मंत्र

अन्य पुस्तकें

  • दुर्गा कवच
  • सुन्दरकाण्ड
  • शिव महिम्न स्तोत्र
  • शिव ताण्डव स्तोत्र
  • हनुमान बाहुक
  • हनुमानाष्टक
  • बजरंग बाण
  • दुर्गा सप्तशती
  • राम रक्षा स्तोत्र
  • विष्णु सहस्रनाम
  • रुद्राष्टाध्यायी पाठ
  • श्री गर्भ गीता
  • श्री साई सत्चरित्र
  • गुनाहों का देवता
  • श्री नारायण कवच


हिन्दू धर्म के शास्त्र | Shastra of Hindu Dharma


परमात्मा को समझना, उसका भजन और उसके संकल्प के अनुसार परिशीलन करना, तथा इस तरह अपने तथा अन्यों कि जिंदगी के बारे में मंगलकामना करना, इसका नाम ही धर्म है। इस संबंध में हिन्दुस्थान में बहुत प्राचीनकाल से जो पुस्तकें लिखी गई हैं वे हिन्दू धर्म के शास्त्र कहलाते हैं।

हमारा यह मत निःसन्देह ठीक है कि धरती पर फैले हुए पंथों में सिंधु और गंगा नदी के प्रदेश में विकसित हुआ धर्म, जिसे हम वर्तमान में हिन्दू धर्म के नाम से जानते है। हिन्दू धर्म जितना पुराना है उतना प्राचीन धर्म और कोई नहीं है।

इससे भी भारी बात यह है कि इस धर्म का असर प्राचीनकाल में हिन्दुस्थान के बाहर पश्चिमी देशों में मिश्र और यूरोप तक और उत्तर पूर्व में तिब्बत, चीन और जापान तक, दक्षिणपूर्व में लंका, ब्रह्मदेश, सुमात्रा, जावा के टापुओं तक हुआ था। इस धर्म को हम इसके मौलिक उत्पत्ति-स्थान सिंधु के आधार पर 'हिन्दू-धर्म' कहते है।

इस धर्म की प्राचीन पुस्तकें, जो 1000 बरस पहले की है, वर्तमान में भी भारत में मौजूद है और यद्यपि इस धर्म के आकार में देश काल के अनुरूपता के अनुसार बड़े फेरफार हुए है तथापि इसके मूल तत्व अब तक विद्यमान है।

सिंधु और गंगा के किनारे बसने वाले प्राचीन आर्यों ने जो परमात्मा के विषय में सिद्धांत दिये किये है, वे ही सिद्धांत हिन्दू लोग अब तक मानते है, और जैसे वे सूर्य के सामने देख उसके तेज में देवता एवं नियन्ता का ध्यान करते, उसकी स्तुति या जयघोष करते और अग्नि द्वारा आहुति देते थे तदनुसार आजकल के हिन्दू भी करते हैं।

Subscribe to: Posts (Atom)

Popular

  • पंचतंत्र की 27 प्रसिद्ध कहानियाँ
  • तेनालीराम की चतुराई की 27 मजेदार कहानियां
  • संपूर्ण गीता सार - आसान शब्दों में जरूर पढ़े
  • स्वामी विवेकानंद की 5 प्रेरक कहानियाँ
  • श्रेष्ठ 27 बाल कहानियाँ
  • Steve Jobs की सफलता की कहानी
  • महापुरूषों के प्रेरक प्रसंग
  • बिल गेट्स की वो 5 आदतें जिनसे वे विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बनें
  • शिव खेड़ा की 5 प्रेरणादायी कहानियाँ
  • विद्यार्थियों के लिए 3 बेहतरीन प्रेरक कहानियाँ
  • दुनिया के सबसे प्रेरक 'असफलताओं' वाले लोग!

Advertisement


eBooks (PDF)

  • संपूर्ण सुन्दरकाण्ड (गीताप्रेस) (PDF)
  • संपूर्ण चाणक्य नीति (PDF)
  • अभिज्ञान शाकुन्तलम् - कालिदास (PDF)
  • श्रीमद्भगवद्गीता (गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित) (PDF)
  • शिव ताण्डव स्तोत्र अर्थ सहित (PDF)
  • दुर्लभ शाबर मंत्र संग्रह (PDF)
  • श्री हनुमान बाहुक (PDF)
  • श्री दुर्गा सप्तशती (PDF)
  • श्री हनुमान चालीसा (अर्थ सहित) (PDF)
  • संपूर्ण शिव चालीसा (PDF)
  • एक योगी की आत्मकथा (PDF)
  • स्वामी विवेकानंद की प्रेरक पुस्तकें (PDF)
  • संपूर्ण ऋग्वेद (PDF)
  • संपूर्ण गरुड़ पुराण (PDF)
  • भगवद्गीता के सभी 18 अध्याय

Important Links

  • हमारे बारे में
  • संपर्क करें

©   Privacy   Disclaimer   Sitemap