Hindu Dharma eBooks in Hindi | हिन्दू धर्म की पुस्तकें
हिन्दू धर्म व कभी-कभी जिसे हम आर्य धर्म भी कहते है; वह सर्वोत्तम धर्म है जिसका लक्षण इस प्रकार है : जिस विधि से दोनों लोकों में आनंद और खुशी प्राप्त हो, मनुष्य इस विश्व लोक में जिस मार्ग से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सुख-समृद्धि के भोगों को प्राप्त कर सके और जिस विधि से परलोक में बाधा पहुंचाने वाले कर्मों को तज सके वही धर्म है, जो इस लोक में तथा परलोक दोना जगहों में परमानंद को देनेवाला हो वही धर्म है।
यहाँ हम हिन्दू धर्म के पुस्तकों को ई-बुक के रूप में दे रहे हैं, डाउनलोड कर पढ़ें-
महाकाव्य और ग्रंथ
वेद
पुराण
चालीसा
आरती
मंत्र
अन्य पुस्तकें
हिन्दू धर्म के शास्त्र | Shastra of Hindu Dharma
परमात्मा को समझना, उसका भजन और उसके संकल्प के अनुसार परिशीलन करना, तथा इस तरह अपने तथा अन्यों कि जिंदगी के बारे में मंगलकामना करना, इसका नाम ही धर्म है। इस संबंध में हिन्दुस्थान में बहुत प्राचीनकाल से जो पुस्तकें लिखी गई हैं वे हिन्दू धर्म के शास्त्र कहलाते हैं।
हमारा यह मत निःसन्देह ठीक है कि धरती पर फैले हुए पंथों में सिंधु और गंगा नदी के प्रदेश में विकसित हुआ धर्म, जिसे हम वर्तमान में हिन्दू धर्म के नाम से जानते है। हिन्दू धर्म जितना पुराना है उतना प्राचीन धर्म और कोई नहीं है।
इससे भी भारी बात यह है कि इस धर्म का असर प्राचीनकाल में हिन्दुस्थान के बाहर पश्चिमी देशों में मिश्र और यूरोप तक और उत्तर पूर्व में तिब्बत, चीन और जापान तक, दक्षिणपूर्व में लंका, ब्रह्मदेश, सुमात्रा, जावा के टापुओं तक हुआ था। इस धर्म को हम इसके मौलिक उत्पत्ति-स्थान सिंधु के आधार पर 'हिन्दू-धर्म' कहते है।
इस धर्म की प्राचीन पुस्तकें, जो 1000 बरस पहले की है, वर्तमान में भी भारत में मौजूद है और यद्यपि इस धर्म के आकार में देश काल के अनुरूपता के अनुसार बड़े फेरफार हुए है तथापि इसके मूल तत्व अब तक विद्यमान है।
सिंधु और गंगा के किनारे बसने वाले प्राचीन आर्यों ने जो परमात्मा के विषय में सिद्धांत दिये किये है, वे ही सिद्धांत हिन्दू लोग अब तक मानते है, और जैसे वे सूर्य के सामने देख उसके तेज में देवता एवं नियन्ता का ध्यान करते, उसकी स्तुति या जयघोष करते और अग्नि द्वारा आहुति देते थे तदनुसार आजकल के हिन्दू भी करते हैं।