विचार-बिंदु- अनुशासन का अर्थ, प्रकृति में अनुशासन, अनुशासन से प्रगति, अनुशासन से राष्ट्र-विकास।
अनुशासन का अर्थ है- नियम और व्यवस्था का पालन। प्रकृति में सर्वत्र नियमों का पालन होता है। धरती, सूरज, चंद्रमा-सभी अपनी-अपनी धुरी पर घूमते हैं। यदि ये नियम तोड़ दे ंतो सृष्टि का चक्र पल-भर को भी न चल पाए। मानव-जीवन भी अनुशासन के बल पर गतिमान रहता है। अनुशासित व्यक्ति अधिक प्रगति करते हैं। अनुशासनहीन व्यक्ति का समय और शक्ति व्यर्थ में ही व्यय हो जाते हैं। जबकि अनुशासित व्यक्ति अपने समय का सोच-समझकर प्रयोग करता है। इसलिए वह एक-एक कदम आगे बढ़ता चला जाता है। समाज तथा राष्ट्र की उन्नति भी अनुशासन द्वारा संभव है। अनुशान किसी राष्ट्र को व्यवस्थित करता है, उसे शक्ति तथा स्फूर्ति प्रदान करता है तथा वही उसके विकास की गति को तीव्र बनाता है। हमारी तुलना में चीन और जापान की प्रगति का मूल कारण वहाँ के लोगों की अनुशासन के प्रति आस्था है। वास्तव में अनुशासन के बिना एक समुन्नत, स्वस्थ, सुदृढ़ तथा शकितशाली राष्ट्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
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