Friends, मेरा मानना है कि अच्छे-विचारों में इतनी शक्ति होती है कि ये किसी भी व्यक्ति के सोचने के ढंग को बदल सकते हैं। ये विचार हमारे दिमागी अवरोधों को दूर कर हमें जीवन में सफल बनाते है। तो आइये पढ़ते है ये प्रेरक विचार.
Best Good Thought in Hindi of Life
- कर्मभूमि में कदम रखने से पहले मन में यह विश्वास रखें कि मुझे सफल होना ही है, तो असफलता रूपी परिंदा पास भी नहीं फटकेगा।
- वचन और समय का पाबंद न होना एक बुराई है। जो व्यक्ति इनका महत्व नहीं समझता, वह एक दिन अवश्य पछताने पर मजबूर हो जाता है।
- अपने विचारों तथा अनुभूतियों को छिपा पाना असंभव है। जो कुछ आपके मन में है, वह चेहरे पर आए बिना नहीं रह सकता। तभी तो कहा है- हमारा चेहरा हमारी चुगली खाता है।
- कामयाब होने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप में "कामयाब होने की इच्छा" नाकामयाब होने के भय से ज्यादा हो।
- पाप के पौधे का बीज मन में पड़ता है, मस्तिष्क में बढ़ता है और शरीर में फलता-फूलता है।
- स्वयं को सफल व्यक्तियों की श्रेणी में खड़ा देखना चाहते हैं तो काम के बोझ से घबराएं नहीं। सबसे कठिन कार्य को सबसे पहले करने की आदत डालें।
- हममें से बहुत से लोग बहुत ज्यादा उपलब्धियां प्राप्त कर लेते, यदि हममें गलतियों स्वीकार करने की ईमानदारी होती और अपनी सीमाएं स्वीकारने की सचाई होती।
- किसी के सामने हाथ पसारने से मांगने वाले की आत्मा और जमीर, दोनों मर जाते हैं।
- आप दूसरे लोगों को तभी जान सकेंगे, जब उनसे प्यार करेंगे और प्यार देने पर कुछ घाटा और तकलीफ उठानी तो पड़ती ही है।
- चरित्र कोई ऐसी वस्तु नहीं, जो शून्य अथवा एकांत में विकसित होती हो और सफलता कोई ऐसा फल नहीं, जो पेड़ पर लटकता हो या मदारी के फूल की तरह हाथ पर उगता हो।
- धन से कृपणता पर, शांति से क्रोध पर और सत्य से असत्य पर विजय प्राप्त करें। यही सत्मार्ग है।
- याचना के लिए मुंह खोलने की अपेक्षा मन की इच्छाओं को रोकना श्रेयस्कर है।
- हमें प्रतिदिन कुछ-न-कुछ नया अवश्य सीखना चाहिए। हम रात को वैसे ही सोने न जाएं, जैसे सुबह जगे थे।
- जो समय चिंता में बिता, समझो कूड़ेदान में गया। जो समय चिंतन में गया, वह समझो तिजोरी में सुरक्षित हो गया।
- जो उत्तम कार्य करना है, वह आज ही कर डालें। मृत्यु इस बात की प्रतीक्षा नहीं करती कि आपने कोई कार्य पूरा किया है अथवा नहीं।
- सामान्यतः कोई भी व्यक्ति सीधे-सीधे हमें यह नहीं कहता कि वह हमें नापसंद करता है। हमें यह पढ़ना आना चाहिए कि हमें कौन, कब पसंद कर रहा है और कब नापसंद।
- हंसी-मजाक बहुत हद तक हमारे हृदय के भावों को प्रदर्शित करते हैं। मन में भीतर जो बुदबुदा रहा होता है, वह अनुकूल परिस्थितियों में प्रकट हो जाता है। अतः हंसी-मजाक करते वक्त सतर्क रहें।
- आप ईश्वर की बनाई रचना हैं और उसने आपका निर्माण सफलता पाने के लिए ही किया है। अतः अपनी योग्यता तथा कार्यकुशलता पर सीमाओं के अनावश्यक बंधन न लगाएं।
- मजाक उसी सीमा तक शोभा देता है, जब तक किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
- मानव स्थितियों द्वारा नहीं जन्मा है, वरन स्वयं स्थितियों को उत्पन्न करता है।
- अपने मानस-पटल पर दुर्बलता को कब्जा न जमाने दें अन्यथा आपके आत्मविश्वास को जो ठेस लगेगी, उससे आप जीवनभर उबर नहीं पाएंगे और असफल लोगों में आपका भी नाम शुमार होगा।
- अपने आत्मसम्मान को खोजकर अपनी प्रकृति के सागर में गोता लगाकर छिपे हुए रत्नों को बाहर निकालें। आप देखकर हैरान रह जाएंगे कि यह भी आपकी ही सम्पत्ती थे।
- जब आप दूसरों के लिए खुशियाँ खोजते है, तब उसे स्वयं के लिए भी प्राप्त कर लेते हैं।
- पूर्णतावादी का कोई कार्य कभी पूरा नहीं होता क्योंकि कोई भी कार्य उसकी निगाह में सर्वगुण संपन्न नहीं होता। जोखिम उठाने के बजाय वह उसे टालता रहता है।
- हम जैसी बातें कहेंगे, वैसी ही बातें विभिन्न व्यक्ति, विभिन्न अवसरों पर हमारे बारे में कहेंगे और उसी के आधार पर हमारी एक सामूहिक छवि निर्मित हो जाती है।
- अच्छे कार्यों की सराहना कीजिए। मनमाफिक न होने पर उखड़िए मत। चुप रहना स्वयं में कई समस्याओं का उपचार है।
- समय अपनी रफ्तार से अबाध बढ़ता रहता है, इसे खरीदा या बेचा नहीं जा सकता। अतः हमें न तो अपना समय बरबाद करना चाहिए और न ही किसी अन्य का।
- अपने जीवनसाथी की आलोचना किसी अन्य व्यक्ति से नहीं करनी चाहिए अन्यथा दूसरे व्यक्ति उससे अनुचित लाभ उठा सकते हैं। जो भी बात हो, उसका निराकरण परस्पर विचार-विमर्श से ही करें।
- भीषण विपत्ति पड़ने पर भी स्वाभिमानी मनुष्य दूसरों के द्वारा दिए गए धन को स्वीकार नहीं करते।
- फूल अपने लिए नहीं दूसरों के लिए खिलता है। आप भी अपने हृदय रूपी पुष्प् को दूसरों के लिए पल्लवित करें।
- सभी छलों में अपने साथ किया हुआ छल निकृष्टतम होता है।
- सदाचार मनुष्य की रूचि से पैदा नहीं होता। उसे पैदा करती है उसकी धरती, जिस पर वह पैदा होता है। इसी धरती के गुण और स्वभावानुसार हमारा स्वभाव निर्मित होता है।
- कटुता का छोटा-सा बीज अवचेतन मन में पहुंचकर कभी-कभी भयंकर रूप धारण कर लेता है।
- हजारों-लाखों लोग प्रतिदिन काल के गाल में समा जाते हैं परंतु बचे हुए लोग जीवित रहना चाहते हैं, इससे बढ़कर आश्चर्य और क्या हो सकता है?
- दुख बांटने पर हल्का हो जाता है और सुख बंटता है तो दोगुना हो जाता है।
- सौन्दर्य प्राकृतिक गुण है, जिनमें कोई परिवर्तन नहीं हो सकता। स्वभाव एक उपर्जित गुण है, उसमें शिक्षा और सत्संग से सुधार हो सकता है।
- इस संसार का सबसे बड़ा जादूगर स्नेह है।
- इस संसार में किसी प्रेम करनेवाले हृदय को खो देना सबसे बड़ी हानि है।
- सामंजस्य एक कला है, पर उसकी साधना बेहद कठिन है। दो व्यक्ति साथ में रहें और परस्पर सामंजस्य करें, यह मानसिक शक्ति का सूत्र है।
- मित्रता की संधियाँ तो राज्यों के प्रमुखों से आती हैं किंतु उनका पालन करने की इच्छा तो आमजन के दिलों से आनी चाहिए।
- बड़ों के प्रति नम्रता कर्तव्य है तो हमउम्र के प्रति विनय की सूचक, अनुजों के प्रति कुलीनता की द्योतक एवं सबके प्रति सुरक्षा है।
- विद्या, शूरवीरता, दक्षता, बल और धैर्य मनुष्य के स्वाभाविक मित्र हैं। बुद्धिमान लोग इनका साथ कभी नहीं छूटने देते।
- संसार की कामनाओं का इतना बोझ मत लादो कि तुमको प्रकृति की गोद में रहकर भी उसका सौन्दर्य न हो सके।
- व्यक्ति का यह विश्वास कर लेना कि वह संसार में सफलता नहीं पा सकता उसके अन्दर, निठल्ले, आलस्य जैसे भयानक रोग पैदा कर देते हैं।
- स्वयं पर विश्वास रखो। स्वयं पर विश्वास रखने से जो शक्तियाँ आपकी कल्पना से भी परे होंगी वे भी आपकी सहायता करने चली आयेंगी।
- जब तक हमारे विचारों में शुद्धी सामर्थ्य तथा एकता न हो शरीर के कोषों की तंदुरूस्ती, सामर्थ्य तथा एकता को बनाए रखना असंभव है।
- हाथ में लिए कार्य के विषय में जो व्यक्ति संदेह करते हैं। अथवा यही सोचकर रूके रहते हैं कि करें या न करें वह सब कामचोर हैं। वे कभी लक्ष्य नहीं पा सकते।
- अगर आप सूर्य की भाँति चमकने की इच्छा रखते है तो उसकी तरह पहले जलने के लिए भी तैयार रहिए।
- वो दो दिन जो आपकी जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण होते है। वो है- एक, जब आप पैदा होते है और दूसरा जब आप यह जानते है कि 'क्यों?'
- कोई भी अपने मित्र के कष्टों से सहानुभूति रख सकता है लेकिन अपने मित्र की सफलता से सहानुभूति रखने के लिए बहुत अच्छी फितरत की जरूरत होती है, जो कि सबके पास नहीं होती।
- सौम्यता, सच्चाई, दोस्ती, प्यार और सृजन, ये सभी जीवन के बड़े आदर्श हैं। इन्हें न ही परखा जा सकता हैं न ही वर्णन किया जा सकता हैं। फिर भी ये हमारे जीवन के सबसे स्थायी चीजों में से एक हैं।
- जीवन स्वयं की खोज करना नहीं है, यह तो खुद को तैयार व सृजन करना है।
ये भी पढ़े:
If you like these thoughts, then please share your views by comment.