एक ख्वाजासरा अकबर बादशाह का बहुत ज्यादा मुंह लगा था। वह हमेशा
अकबर बादशाह से बीरबल की बुराई किया करता था और उन्हें दरबार से निकलवाने की कोशिश में था। एक बार उसने इधर-उधर की अनेक बातें करने के बाद अकबर बादशाह से कहा - 'हुजूर! आपने बीरबल को बेकार ही अपने दरबार में रख रखा है।'
अकबर बादशाह बोले - 'वह हर बात का बहुत अच्छा जवाब दे देता है।'
ख्वाजासरा बोला - 'खाक अच्छा जवाब देता है। यदि वह मेरे इन सवालों के जवाब दे ब जानूं।'
फिर उसने सवाल रखे-
- पृथ्वी का बीच कहां?
- तारों की संख्या कितनी है?
- संसार में स्त्री-पुरूष कितने हैं?
अकबर बादशाह ने फौरन बीरबल को बुलाया और इन तीनों सवालों के जवाब पूछे।
बीरबल ने दो-चार पांव इधर-उधर रखकर एक स्थान पर खूंटी गाड़ दी और कहा- 'पृथ्वी का बीच इस जगह पर है, चाहें तो नाप कर देख लें।'
फिर एक भेड़ को पकड़ लाए और उसको अकबर बादशाह के सामने खड़ा करके कहा- 'हुजूर! जितने इस भेड़ के शरीर में बाल हैं, उतने ही आकाश में तारे हैं।'
तीसरे सवाल का जवाब देते हुए बीरबल ने मुस्कराते हुए कहा -
'जहांपनाह! मर्द और स्त्री का हिसाब इन ख्वाजासरों ने बिगाड़ रखा है। ये स्वयं न पुरूष हैं और न स्त्रियां। यदि आप इनको मरवा डालें तो ठीक-ठाक हिसाब लग जाएगा।'
यह सुनते ही ख्वाजासरा वहां से भाग गया। इस बार भी अकबर बादशाह बीरबल की बुद्धी की प्रशंसा किए बिना नहीं रहे।