राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित पुस्तक -
संस्कृति के चार अध्याय (Sanskriti Ke Char Adhyay PDF) एक बहुत ही प्रसिद्ध और बहुचर्चित पुस्तक है जिसे सबसे पहले साहित्य अकादमी ने प्रकाशित किया था और आगे चलकर साहित्य अकादमी ने ही पुरस्कृत भी किया था। दिनकर जी
(Ramdhari Singh Dinkar) ने भारत के संपूर्ण इतिहास को इस पुस्तक में चार खंड़ों में बाँकर उसे लिखने का प्रयास किया है।
‘संस्कृति के चार अध्याय’ में दिनकर जी ने ये साफ करना चाहा है कि हमारे देश का आधुनिक साहित्य प्राचीन हिंदी साहित्य से कैसे अलग है और इस भिन्नता का कारण क्या है? दिनकर का मानना था कि भारतीय संस्कृति में चार विशाल बदलाव व क्रान्तियाँ हुई और भारत की संस्कृति का इतिहास उन्हीं चार बड़े बदलावों का इतिहास है।
यहाँ पर आप इस पुस्तक
(Sanskriti Ke Char Adhyay PDF) को असानी से
free download कर सकते है।
अगर download करने में कोई समस्या हो तो हमें कॉमेंट के माध्यम से जरूर सूचित करें।
Sanskriti Ke Char Adhyay PDF
संस्कृति के चार अध्याय : अनुक्रमांक
- भारतीय जनता की रचना
- आर्य-द्राविड़ समस्याएँ
- आर्य और आर्येतर संस्कृतियों का मिलन
- बुद्ध से पहले का हिन्दुत्व
- जैन धर्म
- बौद्ध धर्म
- वैदिक बनाम बौद्ध मत
- प्राचीन भारत और वाहा्र विश्व
- बौद्ध साधना पर शाक्त प्रभाव
- बौद्ध आंदोलन के सामाजिक प्रसंग
- हिंदु-मुस्लिम प्रश्न की भूमिका
- इस्लाम-धर्म
- मुस्लिम आक्रमण और हिंदु-समाज
- हिंदु-मुस्लिम-संबंध
- इस्लाम का हिन्दुत्व पर प्रभाव
- भक्ति-आंदोलन और इस्लाम
- अमृत और हलाहल का संघर्ष
- सिक्ख धर्म
- कला और शिल्प पर इस्लाम का प्रभाव
- साहित्य और भाषा पर प्रभाव
- उर्दू का जन्म
- सामासिक संस्कृति के कुछ और रूप
- भारत में यूरोप का आगमन
- शिक्षा में क्रान्ति
- ईसाई धर्म और भारतीय जनता
- हिंदु-नवोत्थान
- ब्राह्न समाज
- महाराष्ट्र में नवोत्थान
- आर्य समाज
- धर्म के जीते-जागते स्वरूप परमहंस रामकृष्ण
- कर्मठ वेदान्त - स्वामी विवेकानन्द
- प्रवृति का उत्थान: लोकमान्य तिलक
- स्वर्ग का भूमीकरण: महायोगी अरविन्द
- भूमि का स्वर्गीकरण: महात्मा गाँधी का प्रयोग
- मुस्लिम-नवोत्थान
- सर मोहम्मद इकबाल
- भारतीय राष्ट्रीयता और मुसलमान