Best selected story for class 5.
#1 Class 5 Stories : धन की चिंता
एक शहर में एक गरीब मोची और अमीर सेठ आमने-सामने रहते थे। मोची की टूटी-फूटी झोंपड़ी थी और सेठ का भव्य महल। मोची जूते-चप्पलें सिलकर अपना गुजारा चलाता था। उसे रोज ही गुजारे लायक पैसा मिल जाता था। वह चैन की बाँसुरी बजाता जीवन जी रहा था। सेठ की आमदनी इतनी थी कि वह चाहकर भी पूरा पैसा नहीं खर्च कर पाता था। उसे तरह-तरह की चिताएँ सताती रहती थीं। घर में धन-सम्पति जमा रहने के कारण उसे रातभर उसकी सुरक्षा की चिंता के मारे नींद नहीं आती थी। सेठ मोची को देखकर ईर्ष्या करने लगा।
एक दिन एक उपाय सूझा। उसने मोची को बुलाया और उसे ढेर सारा पैसा देते हुए बोला - ''मैं ये पैसा तुम्हें दान कर रहा हूं। इसे लौटाने की जरूरत नहीं है।''
मोची धन पाकर बहुत खुश हुआ। उसने वह धन अपनी झोंपड़ी में रख लिया। रात हुई तो उसे भी धन की सुरक्षा की चिंता सताने लगी। इस चिंता में उसे नींद नहीं आई। धन की चिंता में उसकी हालत खराब हो गई। सुबह उठते ही वह सारा धन लेकर सेठ के पास पहुंचा और बोला - ''सेठ जी, तुमने इस धन से ज्यादा मुझे चिंता दे दी है। ऐसा धन, जिससे चिंता मिले, मेरे किस काम का। इसे आप अपने खजाने में ही रखें तो ज्यादा बेहतर होगा।''
#2 Class 5 Stories : इंसाफ
एक राजा के पास एक गरीब बूढ़ा आदमी कोई दरख्वास्त लेकर पहुंचा। राजा ने उसे करीब बुलाया। वह अपनी छड़ी टिकाता राजा के पास पहुंचा और छड़ी के सहारे खड़ा होकर अपनी समस्या राजा को बताने लगा।
उस घबराए हुए बूढ़े ने इस बात पर ध्या नही नहीं दिया कि उसकी छड़ी का लोहे का नुकीला सिरा राजा के पाँव पर रखा है। उसके बोझ से छड़ी राजा के पाँव में धँस गई। राजा के चेहरे पर शिकन भी नहीं आई और उसने धैर्य से बूढ़े की पूरी बात सुनी, फिर उसकी दरख्वास्त पर जब उचित आदेश कर दिया। बूढ़ा खुश होकर राजा को दुआएं देता लौट गया।
बूढ़े के जाते ही राजा दर्द से कराहता हुआ गिर पड़ा। तब सबकी नजर उसके पाँव पर पड़ गई और सारी बात समझ में आई। तुरंत चिकित्सक को बुलाया गया।
एक दरबारी ने कहा - 'महाराज, आपने उसकी छड़ी को पाँव से हटा क्यों न दिया?'
राजा ने कहा - 'वह गरीब बूढ़ा वैसे ही परेशान था, अपनी बात कहने में इतना घबरा रहा था। अगर उसे पता चलता कि उसने मुझे घायल कर दिया है तो वह पूरी तरह डर जाता और मुझसे कुछ भी नहीं कह पाता। ऐसे में उसके साथ इंसाफ कैसे होता? यह सोचकर मैं चुपचाप दर्द सह गया ताकि बूढ़ा पूरी बात कह सके और मैं उसके साथ इंसाफ कर सकूँ।'
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