विश्व को कथा-कहानियां देने का श्रेय निस्संदेह भारतवर्ष को ही जाता है। हमारी सांस्कृतिक धरोहर इतनी सम्पन्न तथा प्राचीन रही है कि अनेक विश्व-प्रसिद्ध
कथा-कहानियों की जन्मभूमि भारत ही रहा है। जातक कथाएं
(jatak katha) भी इन्हीं में से एक हैं। वैसे तो जातक कथाओं का विशाल भंडार है, पर हमने आपके लिए यहां 13 श्रेष्ठ कथाओं को चुना है, जो मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी हैं।
इस संकलन की पहली कथा तो आप इसी पेज पर नीचे पढ़ सकते है, अन्य कथाओं को आप आसानी से PDF फाईल में डाउनलोड कर सकते हैं। -
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श्रृगाल और ऊदबिलाव / Jataka Story in Hindi, Jataka Tales in Hindi
श्रृगाल की पत्नी को एक बार ताजा मछली खाने की इच्छा हुई। उससे मछली लाने का वादा करके श्रृगाल नदी की ओर चला।
रास्तेभर वह सोचता रहा, 'मैं अपना वायदा कैसे पूरा करूं?'
तभी उसे दो ऊदबिलाव एक बड़ी मछली घसीटते हुए नजर आए। वह उनके पास गया।
इधर दोनों ऊदबिलाव इस दुविधा में थे कि इतनी बड़ी मछली को वह कैसे बांटें? काफी देर तक दोनों में बहस होती रही।
उधर श्रृगाल उनके और करीब आया और पूछा, 'क्या बात है दोस्तों?'
'मित्र, हमने मिलकर यह मछली पकड़ी है। अब दुविधा यह है कि इसका बंटवारा कैसे करें? क्या तुम हमारी मदद कर सकते हो?'
'क्यों नहीं। बंटवारा करना तो मेरे बाएं हाथ का खेल है।'
तब श्रृगाल ने मछली का सिर और पूंछ काट डाली, 'सिर तुम लो और पूंछ तुम लो।'
दोनों ऊदबिलाव सोचने लगे कि कितना निष्पक्ष है यह। अब देखते हैं कि शेष हिस्से का बंटवारा कैसे करता है?
'और यह शेष भाग मेरा मेहनताना है।' उनके देखते-ही-देखते वह मछली का बड़ा हिस्सा लेकर वहां सं चपंत गया।
दोनों ऊदबिलाव सिर पर हाथ रखकर बैठ गए।
'हमारी स्वादिष्ट मछली हाथ से निकल गई।' पहला ऊदबिलाव बोला।
'काश! हम झगड़ते नहीं तो मछली का एक बड़ा हिस्सा न गंवाना पड़ता।'
शिक्षा:
आपसी फूट से अपनी ही हानि होती है।